विषयः निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों की समयबद्ध प्राप्ति हेतु शिक्षक कक्षा आवंटन के संबंध में।
महोदय / महोदया,
आप अवगत हैं कि निपुण भारत मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु शासनादेश संख्या-1664/68-52021-182
दिनांक 23 दिसम्बर, 2021 एवं शासनादेश संख्या- 1358 /68-5-2022-182 / 2021 दिनांक 27 जून, 2022 निर्गत किये गये हैं,
जिसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इस हेतु Measurable Goals भी निर्धारित किये गये हैं तथा वर्ष
2025-26 तक निपुण लक्ष्य प्राप्त किया जाना है। बच्चों के शैक्षणिक स्तर को कक्षानुरूप बनाने तथा निपुण भारत मिशन के
अन्तर्गत बच्चों में बुनियादी भाषायी एवं गणितीय दक्षताओं को प्राप्त कराने के लिये आधारशिला कियान्वयन संदर्शिका के माध्यम से
वृहद् सुनियोजित शिक्षण कार्यक्रम (structured pedagogy) का कियान्वयन किया जा रहा है। इसके साथ ही विभिन्न
शैक्षणिक सामग्री यथा आकर्षक पोस्टर्स, बिग बुक्स, पिक्चर स्टोरी कार्ड, वार्तालाप चार्ट, टी०एल०एम०, गणित किट, विज्ञान किट,
लाइब्रेरी बुक्स, तालिकायें आदि समस्त परिषदीय विद्यालयों को उपलब्ध करायी गयी हैं तथा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से
शिक्षकों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है। तत्कम में बच्चों में कक्षानुरूप दक्षताओं की समयबद्ध प्राप्ति हेतु
निम्नलिखित कार्यवाही सुनिश्चित की जानी है :-
दिनांक: /6 जुलाई, 2023
- प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को निर्धारित कक्षायें आवंटित किया जाना अर्थात् Teacher Class
Mapping सुनिश्चित किया जाना। - प्रत्येक विद्यालय के निपुण होने की तिथि का स्पष्ट निर्धारण किया जाना।
पृ०सं०: गुणoविo / निपुण भारत /
4.3051/24
/2023-24 तदिनांक
प्रतिलिपिः–निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित :- - अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा विभाग, उ0प्र0 शासन।
- सचिव बेसिक शिक्षा विभाग, उ०प्र० शासन।
उक्त के संबंध में प्रेरणा पोर्टल पर डी०सी०एफ० विकसित किया गया है। तत्संबंधी प्रति एवं विस्तृत विवरण संलग्न है।
उपर्युक्तानुसार प्रत्येक विद्यालय के प्रधानाध्यापक / इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा दिनांक 20 जुलाई, 2023 तक प्रेरणा पोर्टल पर
विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों का कक्षावार मैपिंग सुनिश्चित करते हुये निपुण विद्यालय के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु स्पष्ट समय-सीमा
का अंकन भी किया जाये। शिक्षक कक्षा आवंटन निपुण लक्ष्य निर्धारित दक्षताओं की समयबद्ध प्राप्ति में प्रभावी सिद्ध होगा। इसके
परिणामस्वरूप शिक्षकों द्वारा विद्यालयों में किये जा रहे सराहनीय कार्यों की जनपद एवं राज्य स्तर पर पहचान सुनिश्चित हो
सकेगी तथा उनके द्वारा संपादित उल्लेखनीय कार्यों को उदाहरण (best practices) के रूप में प्रस्तुत किया जा सकेगा।
अतः निर्देशित किया जाता है कि उपर्युक्तानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु अपने स्तर से सर्वसंबंधित को निर्देशित करने
का कष्ट करें।
संलग्नक-उक्तवत् ।
भवद्रीय
(विजय किरन आनन्द)
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा
उत्तर प्रदेश।