प्रयागराज हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक मामले की सुनवाई में विवाहित महिला को मृतक आश्रित नौकरी का देने पर यह आदेश दिया है, मृतक आश्रित के तौर पर पुत्री की वैवाहिक स्थिति मायने नही रखती है।
कोर्ट ने इस कानून व्यवस्था के साथ उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामीण विकास बैंक में सहायक शाखा अकाउंटेंट की विवाहित पुत्री को 2 माह में मृतक आश्रित नियुक्ति के लिए एलिजिबल मानते हुए नौकरी में लेने का समय दिया है।
कोर्ट ने उठाया यह सवाल: हाइकोर्ट ने कहा इस केस में तथ्य बताते हैं की अनुकम्पा नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कानून की स्पष्ट घोषणा के बावजूद राज्य लैंगिक न्याय के प्रति अभी तक दयनीय कैसे रह सकता है